अगर आप UPSC परीक्षा 2024 में शामिल होने जा रहे हैं तो यह पोस्ट आपके लिए है जिसमें हम आपको Drishti IAS Prelims Test Series 2024 – सामान्य अध्ययन टेस्ट 1 उपलब्ध करवा रहे हैं जिसमें आपको महत्वपूर्ण प्रश्नों के साथ-साथ व्याख्या सहित हल भी देखने को मिलेगा यह टेस्ट सीरीज हिंदी भाषा में प्रकाशित है जिसे दृष्टि कोचिंग द्वारा तैयार किया गया है अगर आप परीक्षा से पहले प्रैक्टिस करना चाहते हैं तो आप इसे जरूर डाउनलोड करें
प्रत्येक टेस्ट सीरीज में आपको 100 प्रश्न देखने को मिलेंगे एवं साथ ही प्रत्येक प्रश्न के साथ आप उत्तर सहित व्याख्या पढ़ सकते हैं ताकि उससे संबंधित समस्त जानकारी आप प्राप्त कर सके
Drishti IAS Prelims Test Series 2024 – सामान्य अध्ययन टेस्ट 1
प्रश्न. “वेदों में शाश्वत सत्य समाहित है। इस दर्शन का मुख्य उद्देश्य स्वर्ग और मोक्ष प्राप्त करना था। मोक्ष प्राप्त करने के लिये, वैदिक यज्ञों की दृढ़ता से अनुशंसा की जाती है।”
उपरोक्त कथन प्राचीन भारत के भारतीय दर्शन की निम्नलिखित में से किस प्रणाली की मूल मान्यताओं में से एक को दर्शाता है?
(a) सांख्य
(b) वैशेषिक
(d) मीमांसा
(c) न्याय
व्याख्या
- सांख्य दर्शन शाब्दिक अर्थ ‘गणना’, यह दर्शाता है कि संसार के निर्माण के लिये दैवीय शक्ति की उपस्थिति आवश्यक नहीं है। संसार की रचना और विकास का श्रेय प्रकृति और पुरुष को जाता है। इस मत के अनुसार व्यक्ति वास्तविक ज्ञान प्राप्त करके मोक्ष प्राप्त कर सकता है और उसके दुःख हमेशा के लिये समाप्त हो सकते हैं। यह ज्ञान धारणा (प्रत्यक्ष), अनुमान और शब्दों (शब्द) के माध्यम से प्राप्त किया जा सकता है। ऐसी पद्धति जाँच की वैज्ञानिक प्रणाली की विशिष्ट है। अतः विकल्प (a) सही नहीं है।
- वैशेषिक दर्शन यह वर्शन भौतिक तत्त्वों या द्रव्य के विमर्श को महत्त्व देता है। ये विशिष्टताओं और उनके समुच्चय के बीच एक रेखा खींचते हैं। पृथ्वी, जल, अग्नि, वायु और आकाश मिलकर नई वस्तुओं को जन्म देते हैं। वैशेषिक ने “परमाणु सिद्धांत” का प्रतिपादन किया। इस प्रकार वैशेषिक से भारत में भौतिकी की शुरुआत हुई। किंतु वैज्ञानिक दृष्टिकोण को ईश्वर और अध्यात्मवाद में विश्वास से परिवर्तित कर दिया गया और इस दर्शन ने स्वर्ग और मोक्ष दोनों में अपना विश्वास रखा। अतः विकल्प (b) सही नहीं है।
- न्याय दर्शनः यह दर्शन तर्कशास्त्र की प्रणाली के रूप में विकसित हुआ। इसके अनुसार ज्ञान प्राप्ति से मोक्ष प्राप्त किया जा सकता है अनुमान, अवण और सादृश्य के माध्यम से तत्व की सत्यता का परीक्षण किया जा सकता है। तर्क के उपयोग पर दिये गए जोर ने भारतीय विद्वानों को प्रभावित किया जिन्होंने व्यवस्थित चिंतन और तर्क को अपनाया। अतः विकल्प (c) सही नहीं है।
- मीमांसा दर्शन का शाब्दिक अर्थ है तर्क और विवेचन की कला। इस दर्शन के अनुसार वेदों में शाश्वत सत्य समाहित है। इस दर्शन का मुख्य उद्देश्य स्वर्ग और मोक्ष प्राप्त करना था। मनुष्य तब तक स्वर्ग का सुख भोगता रहेगा जब तक उसके सचित पुण्य कर्म रहेंगे मोक्ष प्राप्त करने के लिये यह यज्ञ की दृढ़ता से अनुशंसा करता है, जिसके लिये पुजारियों की सेवाओं की आवश्यकता होती है और इसने विभिन्न वर्णों के बीच सामाजिक पृथकता को वैध बनाया जाता है। अतः विकल्प (d) सही है।
प्रश्न. मध्यकालीन शहर मांडू के संबंध में निम्नलिखित कथन पर विचार कीजिये:
1. यह गौरी वंश की राजधानी थी।
2. इसकी स्थापना सुल्तान बाज बहादुर ने की थी।
3. मांडू की पठान वास्तुकला दिल्ली की संरचनाओं की तरह है।
उपर्युक्त कथनों में से कितने सही हैं ?
(a) केवल एक
(b) केवल दो
(c) सभी तीन
(d) कोई भी नहीं
व्याख्या :
- मांडू शहर इंदौर से 60 मील की दूरी पर स्थित है। मांडू की प्राकृतिक सुरक्षा ने परमारों राजपूतों अफगानों और मुगलों को यहाँ बसने हेतु प्रोत्साहित किया
- होशंगशाह द्वारा स्थापित गौरी राजवंश (1401 1561) की राजधानी के रूप में इसने बहुत प्रसिद्धि हासिल की। अतः कथन (1) सही है और कथन (2) सही नहीं है।
- यह सुल्तान बाज बहादुर और रानी रूपमती की प्रेमकथा से जुड़ा रहा है।
- मांडू, कला एवं वास्तुकला की एक विशिष्ट मध्ययुगीन प्रांतीय शैली का प्रतिनिधित्व करता है। मांडू की पठान वास्तुकला जो कि दिल्ली की शाही वास्तुकला शैली से काफी हद तक मेल खाती है, स्थानीय परंपराओं की विशिष्टता को वर्शाती है। अतः कथन (3) सही है।
- मांडू की कुछ उल्लेखनीय वास्तुकला उदाहरणों में रॉयल एन्क्लेव, हिंडोला महल जहाज महल, अशर्फी महल, जामा मस्जिव आदि शामिल हैं।
प्रश्न. भारत की गुफा परंपराओं के संदर्भ में महाजनक जातक, उमग जातक, मारा विजया, निम्नलिखित में से किस गुफा समूह में देखे जा सकते हैं?
(a) एलोरा की गुफाएँ
(b) अजंता की गुफाएँ
(c) एलिफेंटा गुफाएँ
(d) बाघ की गुफाएँ
एलोरा गुफाएँ
- महाराष्ट्र के औरंगाबाद में स्थित है। इन गुफाओं में पाँचवीं शताब्दी ई.पू. से लेकर ग्यारहवीं शताब्दी ई.पू. तक के तीन धर्मों से संबद्ध स्थल मौजूद हैं। यहाँ बौद्ध, ब्राह्मण और जैन संप्रदाय से संबंधित 32 गुफाएँ हैं।
- यह शैलीगत उदारवाद अर्थात् एक ही स्थान पर कई शैलियों के संगम की दृष्टि से भी अद्वितीय है। यहाँ बज्रयान बौद्ध धर्म से संबंधित छवियाँ चित्रांकित है। शैव संप्रदाय से संबंधित चित्रांकन विषयों में रावण द्वारा कैलाश पर्वत को हिलाना, अंधकासुरवध कल्याणसुंदर को बहुतायत से चित्रित किया गया है, जबकि वैष्णव संप्रदाय से संबंधित चित्रांकन विषयों में, विष्णु के विभिन्न अवतारों को चित्रित किया गया है। अतः विकल्प (a) सही नहीं है।
अजंता की गुफाएँ
- औरंगाबाद जिले में स्थित है। यह 29 गुफाओं का समूह है। जिसमें बड़े चैत्य- बिहार भी शामिल हैं और इन्हें मूर्तियों एवं चित्रों से अलंकृत किया गया है अजंता पहली शताब्दी ईसा पूर्व और पाँचवीं शताब्दी ईस्वी की चित्रकला का एकमात्र जीवित उदाहरण है। मारा विजया गुफा संख्या 26 का एकमात्र ऐसा भीत्ति चित्रांकन जिसे मूर्ति रूप में उत्कीर्णित किया गया है।
- अजंता के महत्त्वपूर्ण संरक्षक वाकाटक के राजा, हरिषेण के प्रधानमंत्री वराहदेव, क्षेत्र के स्थानीय राजा व वाकाटक राजा हरिषेण के सामंत उपेंद्रगुप्त, बुद्धभद्र और मथुरादास थे। यहाँ की कुछ उल्लेखनीय भीत्ति चित्रांकन हैं- सिंहल अवदान, महाजनक जातक, विघुरघुडिता जातक, उमग जातक अतः विकल्प (b) सही है।
सभी प्रश्न आपको ऐसे ही मिलेंगे जैसे हमने ऊपर कुछ प्रश्न के साथ व्याख्या उपलब्ध करवाई है इसे आप पीडीएफ प्रारूप में भी डाउनलोड कर सकते हैं
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अंतिम शब्द
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