राजस्थान के दुर्ग/किले | Forts of Rajasthan | One Line Question pdf in hindi

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राजस्थान के  दुर्ग / किले

 किलो  के प्रकार –   शुक्र नीति में 9 प्रकार के दुर्गों का उल्लेख है

  • गिरी दुर्ग –  वह किला जो किसी ऊंची पहाड़ी पर बना हो
  •  एरण दुर्ग –   वह किला जिसमें चारों ओर घना जंगल/ बीहड़ हो रणथंभौर ( सवाई माधोपुर)
  •  जल/ औदक दुर्ग –   के चारों ओर प्राकृतिक जल हो 
  • धावन/ मरू/ मरुस्थल दुर्ग – वह  जिसके चारों ओर विशाल मरुस्थल
  • स्थल/ भूमि/ मही दुर्ग –  वह दुर्ग जो  सपाट भूमि पर स्थित हो
  •  सहारा दुर्ग –  सदा अनुकूल रहने वाले भाइयों/ मित्रों से युक्त हो
  •  परिधि दुर्ग –  वह जिसके चारों ओर ऊंची दीवारें हो 
  •  सैन्य  दुर्ग –  सैन्य दृष्टि से  अभेद हो 
  •  पारीख –  वह जिसके चारों ओर नहर या गहरी खाई हो 
  1. चित्तौड़गढ़ दुर्ग –  गिरी दुर्ग
  • राजस्थान का गौरव बड़ों का आशीर्वाद
  •  चित्रकूट पहाड़ी पर स्थित है –  चित्रकोट दुर्ग
  •   मेसा पठार पर स्थित है
  •  दिल्ली से गुजरात जाने वाली व्यापारिक मार्ग पर स्थित है
  •  निर्माता –   चित्रांगद मौर्य 
  • मान्यता है कि यह दुर्ग  महाभारत काल में मौजूद था 
  •  राजस्थान का प्राचीन दुर्ग ,  दूसरा प्राचीन दुर्ग –  भटनेर( हनुमानगढ़)
  •  आरंभ में यह  मौर्य वंश के अधिकार है
  •  मेवाड़ के शासक ‘ जैत्रसिंह’  ने सर्वप्रथम इसे मेवाड़ की राजधानी बनाया

 प्रमुख स्थापत्य – 

1  महाराणा कुंभा ने इसमें 7  द्वार वह परकोटा बनाया

2   दुर्ग में तो कीर्ति स्तंभ है

 कुंभा का कीर्ति स्तंभ/ विजय स्तंभ/ जय स्तंभ/ जैन कीर्ति स्तंभ

  • निर्माता-  कुंभा
  •  मालवा विजय या सारंगपुर युद्ध की स्मृति में इसका निर्माण करवाया
  •  वास्तुकार –  जयता
  •  शिल्पी –  जैता के पुत्र –  नापा,  पोमा ,  पूंजा 

                  कुंभा का कीर्ति स्तंभ – 

  •           इस पर कीर्ति स्तंभ प्रशस्ति  खुदी  है
  •  जिसके रचयिता –  अत्री व उसका पुत्र महेश

 जैन कीर्ति स्तंभ – 

  • निर्माता –  जैन जाजा साह 
  •  आदिनाथ को समर्पित है
  •  7 मंजिलें हैं
  •  यह विजय स्तंभ  से पुराना

 अन्य : – 

  • काली माता मंदिर
  •  तुलजा भवानी का मंदिर
  •  श्रंगार चंवरी 
  •  सतनीस  देवरी जैन मंदिर
  •  कुंभा महल
  •  पद्मिनी महल
  •  गोरा –  बादल की हवेली
  •  जयमट  –  पंता  की हवेली
  •  चित्रांग मोरी तालाब
  •  पद्मिनी तालाब

 इस  प्रकार यह राजस्थान का सबसे बड़ा लिविंग फोर्ट है दूसरा बड़ा लिविंग फोर्ट सोनारगढ़ ( जैसलमेर) है

2  आमेर दुर्ग –  जयपुर

  •         निर्माता –  दूल्हाराय 
  •  अन्य निर्माण –  भारमल ,  मानसिंह 1 ,  मिर्जा राजा जयसिंह
  •  राजा का एकमात्र दुर्ग प्राकृतिक वातानुकूल एसी स्थापित किया गया है

 स्थापत्य – 

  • शिला माता का मंदिर
  •  शीश महल
  •  दीवान ए आम, दीवान ए खास
  •  किले के नीचे –  मावठा झील ,  केसर क्यारी ,   दिल ए  आराम बाग 
  •  जय राजस्थान सरकार द्वारा जीर्णोद्धार  को लेकर विवाद मे रहा 

3   जयगढ़ दुर्ग –   आमेर ( जयपुर)

  •     निर्माता –  मानसिंह प्रथम
  •  इसे खजाने वाला किला ,  रहस्यमय दुर्ग , चाल्ह  का टोला कहते हैं
  •  मानसिंह प्रथम ने इसे  जयपुर राजपरिवार के खजाने को सुरक्षित रखने हेतु निर्मित कराया
  •  जय  एशिया का एकमात्र दुर्ग है जिसमें टोपे  बनाने का कारखाना स्थित है
  •  एशिया की पहाड़ी फलक की सबसे बड़ी  टोप ‘  जयबाण ‘  इसी दुर्ग में स्थित है
  •  यह किला पानी के विशाल टांगों को लेकर प्रसिद्ध है
  •  1975- 76  में आपातकाल के दौरान इंदिरा गांधी द्वारा खजाने की खोज को लेकर चर्चा मे  रहा

4   नाहरगढ़ – आमेर ( जयपुर)

  •       उपनाम –  भारत का मुकुट ,  सुदर्शन गढ़
  •  निर्माता –  सवाई जयसिंह द्वितीय
  •  जयपुर शहर की मराठा आक्रमण से सुरक्षा हेतु उसका निर्माण हुआ
  •  इस दुर्ग में एक जैसे नौ महल है जिसका निर्माण माधव सिंह ने अपनी 9 रानियों के लिए  करवाया
  •  हाल ही में रंग दे बसंती फिल्म की चर्चा मे  रहा

5   सोनारगढ़ –  जैसलमेर

  •      उपनाम –   जैसानगढ,  राजस्थान का दूसरा बड़ा लिविंग फोर्ट, त्रिकूट पहाड़ी पर निर्मित होने के कारण त्रिकूट गढ़। 
  •  मान्यता है कि यहां पहुंचने हेतु’ पत्थर की टांगे होने चाहिए
  •  राजस्थान का एकमात्र  दुर्ग जिसमें चूने का नाम मात्र का प्रयोग नहीं है
  •  राजस्थान का सर्वाधिक बुर्जो  वाला किला  99 बुर्ज 
  •  निर्माता –  राव जैसल 
  •   किले में  सूरी  ग्रंथ ,  जैसलू  कुआं प्रसिद्ध है

6    रणथम्भोर  दुर्ग –  सवाई माधोपुर

  •     बख्तरबंद किला  चारों ओर से पहाड़ियों से घिरा , हमीर  की आन बान का प्रतीक, स्थानीय भाषा में से गढ़ – रन्तभवर  करते हैं 
  • निर्माता –  महेश ठाकुर ,   रति देव 
  •  वन  दुर्ग का श्रेष्ठ  उदाहरण

 स्थापत्य – 

  • त्रिनेत्र गणेश मंदिर
  •  जोरा भोरा  महल
  •  सुपारी महल
  •  पातालगंगा
  •  समीर की  कुच हरी 
  •  32 खंभों की छतरी
  •   संगा  की अधूरी छतरी
  •  तीर सुदूदीन  की  दरगाह
  • 1301 में अलाउद्दीन का आक्रमण 
  •  राजस्थान की लिखित इतिहास का पहला साका
  •  1569 में अकबर के अधीन 

7     मेहरानगढ़ –  जोधपुर

  •     मयूरध्वज गढ़ ,  मोरध्वजगढ़ ,  गढ़  चिंतामणि।  
  •  पचिड़िया टूंक किला ,  जोधाणा 
  •  निर्माता –  राव जोधा
  •  मान्यता है कि इस  दुर्ग में ‘ राजिया’ नामक एक जीवित व्यक्ति की बलि दी गई
  •  मान्यता है कि नींव  बीकानेर की करणी माता द्वारा रखी गई

 प्रमुख स्थापत्य – 

  •  मूल  महलपत्थर की बारिश  नक्काशी
  •  मोती महल –  सुनहरी नक्काशी 
  •  श्रृंगार चौकी –  राज्याभिषेक स्थल 
  •  10 खंभों की छतरी
  •  गोरा धाय की  छतरी ,  मामा भांजा की  छतरी
  •  चामुंडा माता मंदिर
  •  जिले के  बाहर  दो  जलाशय –  गुलाब सागर ,  गुलाब सागर बा  बच्चा

8.   कुंभलगढ़ दुर्ग –  राजसमंद

  • मेवाड़ी की आंख ,  कुंभलमेरू दुर्ग
  •  निर्माता  –   महाराणा कुंभा
  •  वास्तुकार   –   मण्डव 
  • अबुल फजल “ यह दुर्ग इतना  ऊंचाई पर बना हुआ है कि  नीचे से ऊपर देखने पर पगड़ी गिर जाती है 
  • कुंभलगढ़ जिले की 36 किलोमीटर लंबी विशाल दीवार जिस पर चार घोड़े एक साथ दौड़ते हैं
  •  इसकी तुलना चीन की विशाल दीवार से की जाती है   इसे ‘  ग्रेट वॉल ऑफ इंडिया’  कहते हैं
  •  इसके अतिरिक्त  इस दुर्ग में एक दुर्ग और है जिसे  कुटारगढ़ कहा जाता है
  • राणा कुंभा की हत्या वह राणा प्रताप का जन्म इसी दुर्ग में हुआ
  •  महाराणा प्रताप का राज्याभिषेक का उत्सव इसी दुर्ग में मनाया गया
  •  प्रताप ने कुंभलगढ़ को अपनी दूसरी राजधानी बनाया था   पहली –  गोगुंदा | 

9.  भटनेर का किला ( हनुमानगढ़)

  •      भाटी राजपूतों की वीरता का प्रतीक
  •  उत्तरी सीमा का प्रहरी किला
  •  जलदुर्ग वह धान्वन  दुर्ग दोनों की विशेषताएं ग्रहण करता है
  • घग्गर नदी के किनारे स्थित है
  •  राजस्थान का दूसरा प्राचीन किला
  •  एकमात्र दुर्ग जिसमें पत्थर का नाम मात्र का प्रयोग नहीं है केवल  ईट  व चुने से निर्मित
  •  निर्माता –  भाटी राजा भूपत
  •  1398 में तैमूर लंग ने इस किले पर आक्रमण किया 
  •  इस अवसर पर हिंदू महिलाओं के साथ मुस्लिम महिलाओं द्वारा जोहर किए जाने का प्रमाण मिलता है
  •  इसी अवसर पर तैमूर ने अपनी आत्मकथा’   तुजुक –  ए – तैमूरी ‘  मे लिखा है कि मैंने हिंदुस्तान में इतना मजबूत किला नहीं देखा 
  •  उत्तर भड़ किवाड़ के रूप में “ भटनेर दुर्ग” प्रसिद है 

10.  बीकानेर दुर्ग  – जूनागढ़ 

  • उपनाम –  जमीन का जेवर ,  भूमि दुर्ग का उदाहरण
  •  लाल पत्थरों से निर्मित है
  •  हिंदू- मुस्लिम स्थापत्य शैली पर आधारित है 
  •  निर्माता –  रायसिंह
  •  किले का अनूप महल सुनहरी नक्काशी के लिए प्रसिद्ध है
  •  बाहरी सुंदरता के कारण इसे जमीन का जेवर कहा गया है

11.   तारागढ़ –  अजमेर

  • अजय मेरु ,  गढ़ बिटली  पूर्व का जिब्राल्टर
  •  निर्माता –  अजय राज चौहान
  •  यह चौहान राजाओं की वीरता का साक्षी रहा
  •  कालांतर में यह दुर्ग मेवाड़ के अधिकार में चला गया
  •  राणा सांगा के भाई पृथ्वीराज सिसोदिया की पत्नी ताराबाई के नाम पर से तारागढ़ कहा जाने लगा
  •  मालदेव की पत्नी “ रूठी रानी”  का संबंध भी इस दुर्ग से रहा
  •  मुगल काल में यहां का किलेदार गॉड विट्ठलदास था   अतः  यह  गठ बिठली  कहां गया
  •  1832 में लॉर्ड विलियम बेंटिक ने इसे एक “ सेनेटोरियम”  बना दिया

12.  अकबर का किला –  अजमेर

  • राजस्थान में मुस्लिम दुर्ग निर्माण पद्धति पर आधारित एक मात्र दुर्ग
  •  शुद्ध रूप से इस्लामी वास्तुकार पर आधारित
  •  निर्माता –  अकबर
  •  आधुनिक काल में अंग्रेजों ने इस दुर्ग में अपना शस्त्रागार स्थापित किया  अतः इसे मैगजीन भी कहा गया
  •  जहांगीर ने अंग्रेजों को भारत में व्यापार की अनुमति इस दुर्ग में प्रदान की 

13.   गागरोन दुर्ग –  झालावाड़

  • सर्वश्रेष्ठ जलदुर्ग
  •  आबू में कालीसिंध नदी के संगम पर स्थानीय भाषा में इस संगम को “सामेल  जी”  कहते हैं
  •  राजस्थान का एकमात्र दुर्ग जिसमें नीव नहीं है
  •  सपाट मुकुंदरा चट्टान पर स्थित
  •  निर्माता –  देव सिंह खींची

 स्थापत्य – 

  1. मीठे शाह की दरगाह –  हमीदुद्दीन चिश्ती
  2.  औरंगजेब द्वारा निर्मित बुलंद दरवाजा
  3.  संत पीपा की छतरी
  • किले के पीछे की पहाड़ी “ गिद्ध कराई”  कहलाती  थी जहां अपराधियों को मृत्युदंड दिया जाता था

14.  लोहागढ़ –  भरतपुर

  • राजस्थान का प्रवेश द्वार ,  मिट्टी का किला ,  जाट राजाओं की वीरता का प्रतीक
  •  पारीक दुर्ग का श्रेष्ठ उदाहरण –  सुजान गंगा  नहर
  •  निर्माता –  सूरजमल
  •  भरतपुर के “ कचहरी कला”  स्थान पर निर्मित
  •  रियासतों के एकीकरण के समय के प्रथम चरण मत्स्य संघ का उद्घाटन इसी दुर्ग में हुआ
  •  नटवर सिंह “ विमान के आविष्कार से पूर्व इस किले को तोड़ पाना असंभव था

15.   मॉडल दुर्ग  –  भीलवाड़ा

  • मूंडिया भील के नाम पर  चांदना गुर्जर ने इस किले का निर्माण करवाया
  •  यह मेवाड़ के आधिपत्य में रहा
  •  अकबर ने महाराणा प्रताप के विरुद्ध इसी के लिए को अपना सैनिक केंद्र बनाया

16.   अचलगढ़ दुर्ग –  सिरोही

  • इसे  आबू  दुर्ग  भी कहते हैं
  •  निर्माण –  संभवत किसी परमार शासक ने
  •   जीर्णोद्धार –  महाराजा कुंभा ने
  •   अरावली की चौथी छोटी अचलगढ़ पर स्थापित

  यहां से आगे का टॉपिक  कुछ समय बाद अपलोड  किया जाएगा

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