राजस्थान शिक्षक भर्ती 2023  के लिए तैयारी कर रहे हैं विद्यार्थियों के लिए आज हम राजस्थान सामान्य ज्ञान से संबंधित एक महत्वपूर्ण टॉपिकराजस्थान के धार्मिक स्थल | Reet Level 2 ( 3rd Grade ) Notes in Hindi के बारे में उपलब्ध करवा रहे हैं क्योंकि यहां से भी अनेक बार पेपर में प्रश्न पूछे जा चुके हैं यह नोट्स ऑफलाइन  क्लास के माध्यम से तैयार किए गए हैं  इसलिए इस टॉपिक को अच्छे से क्लियर करने के लिए यह नोट्स अवश्य पढ़ें

 राजस्थान के धार्मिक स्थल के बारे में यह पार्ट 1 है  अगर आप पार्ट 2 पढ़ना चाहते हैं तो हमने आपके लिए इसी वेबसाइट पर अपलोड कर दिया है आप सर्च बॉक्स में जाकर सर्च कर सकते हैं Rajasthan Gk Notes in Hindi के लिए ऐसे नोट्स आपको कहीं नहीं देखने को मिलेंगे यह नोट्स आपको कम समय में अधिक तैयारी के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण साबित होंगे

राजस्थान के धार्मिक स्थल | Reet Level 2 ( 3rd Grade ) Notes in Hindi

All Exam NotesClick Here
Daily Current AffairClick Here
Today Newspapers PDFClick Here

गोविन्ददेव जी मंदिर, जयपुर

● श्री गोविन्द देव जी की आकर्षक प्रतिमा सवाई जयसिंह वृन्दावन से जयपुर लाए थे। जो यहाँ पूरे सम्मान से शहर के परकोटे में स्थित श्री गोविन्द देव जी मंदिर में स्थापित की गई।

बिड़ला मंदिर, जयपुर

● लक्ष्मी नारायण मंदिर, जो कि बिड़ला मंदिर नाम से अधिक लोकप्रिय है, मोती डूंगरी की तलहटी में स्थित है। ऊँचे भूभाग पर अपेक्षाकृत आधुनिक रूप से निर्मित यह मंदिर पूरी तरह से श्वेत संगमरमर का बना है। इस मंदिर का निर्माण 1988 में करवाया गया था।

अक्षरधाम मंदिर, जयपुर

● जयपुर में आने वाले पर्यटकों के लिए वैशाली नगर का अक्षरधाम मंदिर एक प्रमुख आकर्षण है। भगवान नारायण को समर्पित यह मंदिर अपने सुंदर स्थापत्य के कारण प्रसिद्ध है।

दिगंबर जैन मंदिर, जयपुर

● जयपुर का प्राचीन दिगम्बर जैन मंदिर शहर से 14 किमी. दूर सांगानेर में स्थित है। संघीजी मंदिर में प्रमुख विग्रह भगवान आदिनाथ पद्मासन (कमल स्थिति) मुद्रा में है।

गलता जी, जयपुर

● गलता जी जयपुर का एक प्राचीन तीर्थ स्थान है। यह गालव ऋषि की तपोस्थली है। गलता जी स्थित कुंड में स्नान का धार्मिक महत्व है। तीर्थ यात्री यहाँ पवित्र स्नान हेतु आते हैं। इस आकर्षक जगह में मंदिर, मंडप और पवित्र कुंड (प्राकृतिक झरने और पानी के कुण्ड) हैं।

ब्रह्मा मंदिर, पुष्कर

● पूरे विश्व का एक मात्र ब्रह्मा मंदिर, पुष्कर में स्थित है। संगमरमर से निर्मित, चाँदी के सिक्कों से जड़ा हुआ, लाल शिखर और हंस (ब्रह्मा जी का वाहन) की छवि, वाले मंदिर में ब्रह्मा जी की चतुर्मुखी प्रतिमा गर्भगृह में स्थापित है।

गुरूद्वारा सिंह सभा, पुष्कर

● गुरूद्वारा सिंह सभा पुष्कर के पूर्वी भाग में स्थित है यह 19वीं सदी की शुरुआत में पहले और दसवें गुरू – श्री गुरू नानक देव जी और श्री गुरू गोविन्द सिंह जी की यात्रा की समृति में बनाया गया था।

अजमेर शरीफ दरगाह, अजमेर

● अजमेर में दरगाह के अलावा भी बहुत से दर्शनीय स्थल हैं। अजमेर में सर्वाधिक देशी व विदेशी पर्यटक ख़्वाजा मोईनुद्दीन चिश्ती की दरगाह पर मन्नत मांगने तथा मन्नत पूरी होने पर चादर चढ़ाने आते हैं। सभी धर्मों के लोगों में ख़्वाजा साहब की बड़ी मान्यता है।

आत्मातेश्वर मंदिर, पुष्कर

● 12वीं शताब्दी में निर्मित यह भूमिगत सुंदर मंदिर भगवान शिव को समर्पित हैं। ’हेमाड़पंथी’ वास्तुकला शैली की कलात्मक नक़्काशी इस मंदिर को गौरवमयी आभा से भर देती है।

साईं बाबा मंदिर, अजमेर

● सांई बाबा के भक्तों के लिए यह मन्दिर वास्तुकला का नवीनतम नमूना है तथा बहुत लोकप्रिय है। अजय नगर में लगभग दो एकड़ में फैले, इस मंदिर को अनूठे पारदर्शी सफेद संगमरमर से बनाया गया है।

सावित्री मंदिर, पुष्कर

● ब्रह्मा मंदिर के पीछे, ऊँची पहाड़ी पर सावित्री मंदिर है जो कि ब्रह्मा जी की पहली पत्नि थीं। मंदिर तक पहुँचने के लिए सुविधाजनक सीढ़िया बनी हुई हैं। ऊपर चढ़कर मंदिर से नीचे की ओर झील, मंदिर और रेत के टीलों का विहंगम दृष्य बेहद सुन्दर दिखाई पड़ता है।

सोनीजी की नसियां, अजमेर

● 19वीं सदी में निर्मित यह जैन मन्दिर, भारत के समृद्ध मंदिरों में से एक है। इसके मुख्य कक्ष को स्वर्णनगरी का नाम दिया गया है। इसका प्रवेश द्वार लाल पत्थर से तथा अन्दर संगमरमर की दीवारें बनी हैं।

श्री पंचकुण्ड शिव मंदिर, पुष्कर

● पंचकुण्ड शिव मंदिर को पांच पांडवों द्वारा निर्मित माना जाता है। शहर के पूर्वी किनारे पर स्थित यह मंदिर सरोवर से 2-3 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। अटभटेश्वर महादेव मंदिर – 12वीं शताब्दी का यह सुन्दर मंदिर भगवान शिव को समर्पित है। यहाँ एक भूमिगत तहखाना है।

वराह मंदिर, पुष्कर

● वराह मंदिर पुष्कर का सबसे बड़ा और सबसे प्राचीन मंदिर है। 12वीं शताब्दी के शासक राजा आनाजी चौहान द्वारा निर्मित यह मंदिर भगवान विष्णु के तीसरे अवतार वराह को समर्पित हैं।

नागदा, उदयपुर

● छठी शताब्दी के अंश को समाहित किए, नागदा उदयपुर से 22 किमी. की दूरी पर स्थित है। अरावली की पहाड़ियों की गोद में बसा नागदा, जटिल नक्काशीदार ‘सहस्त्रबाहु मंदिर’ के लिए प्रसिद्ध है जो कि आम लोगों में ‘सास बहू मंदिर’ के नाम से पहचाना जाता है।

जगदीश मंदिर, उदयपुर

● उदयपुर और उसके आस पास के सबसे प्रसिद्ध मंदिरों में से एक जगदीश मंदिर। 1651 में इंडो-आर्यन् शैली में बना हुआ स्थापत्य कला का एक अच्छा उदाहरण है। यह मंदिर मारू गुर्जर स्थापत्य का उत्कृष्ट उदाहरण है।

अब्दुल्ला पीर, बाँसवाड़ा

● यह बोहरा मुस्लिम संत अब्दुल रसूल की लोकप्रिय मज़ार है। शहर के दक्षिणी भाग में स्थित इस दरगाह को अब्दुल्ला पीर के नाम से जाना जाता है। हर वर्ष बड़ी संख्या में विशेषतः बोहरा समुदाय के लोग दरगाह के उर्स में शामिल होने आते हैं।

अंदेश्वेर पार्श्वनाथ जी, बाँसवाड़ा

● बांसवाड़ा से 40 किमी. की दूरी पर दिगम्बर जैन अतिशय तीर्थ अंदेश्वर पार्श्वनाथ सभी धर्मों के आस्था का केन्द्र है। मुख्य मंदिर में जैन तीर्थंकर पार्श्वनाथ की पद्मासनस्थ कृष्णवर्णा पाषाण प्रतिमा है। गर्भगृह और दीवारों पर भगवान पार्श्वनाथ के दस भव और जैन तीर्थंकरों को अत्यंत सुंदर कांच में चित्रित किया गया है।

इसे भी पढ़े 

राजस्थान नोट्स ( RAJASTHAN NOTES ) Click Here
विश्व का इतिहास ( WORLD HISTORY )Click Here
 भारत का इतिहास ( INDIAN HISTORY )Click Here
 सामान्य विज्ञान ( GENERAL SCIENCE ) Click Here

अंतिम शब्द – अगर आप सरकारी नौकरी की तैयारी कर रहे है और रोजाना अपने विषय को मजबूत करना चाहते है तो हम आपके लिए प्रैक्टिस सेट लेकर आते है जिनसे आप डेली ऑनलाइन टेस्ट देकर अपना स्कोर चेक कर सकते है 

अगर आपको राजस्थान के धार्मिक स्थल | Reet Level 2 ( 3rd Grade ) Notes in Hindi में शामिल प्रश्न अच्छे लगे हो तो इसे अपने दोस्तों एवं अन्य ग्रुप में जरूर शेयर करे आपको आज की यह पोस्ट कैसी लगी नीचे कमेंट करके जरूर बताये