आज की यह पोस्ट भारत का इतिहास से संबंधित है जिसमें आप Indian History Notes Pdf in Hindi | भारत का इतिहास – स्वतंत्रता संग्राम से संबंधित क्लास नोट्स पीडीएफ के रूप में डाउनलोड कर सकते हैं इतिहास एक ऐसा विषय है जो लगभग सिविल सर्विस परीक्षा एवं प्रतियोगी परीक्षाओं में बहुत महत्वपूर्ण स्थान रखता है इसलिए इसे अच्छे से तैयार करना बहुत जरूरी है और इसके लिए अच्छे नोट्स का होना भी बहुत महत्व रखता है
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Indian History Notes Pdf in Hindi | भारत का इतिहास – स्वतंत्रता संग्राम से संबंधित नोट्स
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ब्रिटिश शासन को भारतीय चुनौती-
- इस समय गवर्नर जनरल लार्ड केनिंग था।
- विद्रोह का आरम्भ 10 मई, 1857 को मेरठ में पैदल टुकड़ी से हुआ। इससे पहले 29 मार्च, 1857 को बैरकपुर (प. बंगाल) के 34वीं एन. आई. रेजीमेंट के सैनिक मंगल पांडे ने अपने सार्जेन्ट की हत्या कर दी, परिणामस्वरूप 34वीं एन.आई. को भंग कर दिया गया।
- 11 मई को विद्रोही सैनिकों ने दिल्ली पर अधिकार कर लिया तथा 12 मई को बहादुरशाह को दिल्ली का सम्राट घोषित कर दिया। परन्तु वास्तविक नेतृत्व सैनिक नेता जनरल बख्त खाँ के हाथों में था।
- अंग्रेजों ने पंजाब से सेना बुलाकर 21 सितम्बर, 1857 को दिल्ली पर कब्जा कर लिया। लेफ्टिनेंट हडसन ने धोखे से बहादुरशाह-द्वितीय के दो पुत्रों एवं एक पोते को गोली मार दी।
- कानपुर में तात्या टोपे तथा नाना साहेब ने विद्रोहियों का नेतृत्व किया। तात्या टोपे को सिंधिया के सामन्त मान सिंह ने धोखे से पकड़वा दिया। 1859 में उन्हें फांसी दे दी गई। नाना साहेब, बेगम हजरत महल एवं खान बहादुर खान नेपाल भागने में सफल हुए। जनरल बख्त खाँ मई, 1859 में लड़ते-लड़ते शहीद हो गए।
- जुलाई, 1858 तक विद्रोह लगभग दबा दिया गया।
स्वतंत्रता संग्राम के विद्रोह के कारण :-
- डलहौजी की गोद निषेधा की नीति, कुशासन के आधार पर अवध तथा हैदराबाद का विलय, भारतीय लघु एवं कुटीर उद्योग, दस्तकारी तथा कृषि का विनाश, सामाजिक विश्वासों में हस्तक्षेप, धार्मिक कार्य़ों में हस्तक्षेप आदि।
सैन्य कारण :-
- 1854 ई. से सैनिकों को निःशुल्क डाक सुविधा समाप्त, 1856 का सामान्य सेना भर्ती अधिनियम, जिसके अंतर्गत सैनिकों को बाहर भी भेजा जाने लगा।
तात्कालिक कारण :
- 1856 ई. में सरकार ने नवीन एनफील्ड राइफल में प्रयुक्त कारतूस मुँह से काटना पड़ता था, जिसमें गाय तथा सुअर की चर्बी का प्रयोग होता था। हिन्दू और मुसलमान दोनों सिपाहियों ने इसके प्रयोग से इंकार किया। यही चर्बी वाला कारतूस 1857 के विद्रोह का तात्कालिक कारण था।
असफलता के कारण :-
- विद्रोह स्थानीय, असंगठित था, राष्ट्रीय भावना का अभाव था, भारतीय समाज के सभी वर्ग़ों का सहयोग विद्रोहियों को नहीं मिला, शिक्षित एवं मध्यम वर्ग उदासीन रहा।
- सैन्य दुर्बलता तथा सैन्य नेतृत्व क्षमता की कमी, विद्रोहियों में योजना का अभाव आदि।
- बम्बई एवं मद्रास की सेनाएँ ग्वालियर, इंदौर, हैदराबाद, जोधपुर, पटियाला, कश्मीर, नामा, जींद तथा नेपाल के शासकों ने विद्रोह को दबाने में अंग्रेजों के साथ सहयोग किया।
स्वतंत्रता संग्राम के विद्रोह का परिणाम :-
- 1858ई. में ईस्ट इंडिया कम्पनी का शासन समाप्त हो गया और भारत पर शासन का अधिकार महारानी के हाथों में आ गया।
- इंग्लैंड में भारत राज्य सचिव की नियुक्ति हुई। भारत में गवर्नर जनरल का पद समाप्त कर, वायसराय (क्राउन का प्रतिनिधि) की नियुक्ति हुई।
- हिन्दू मुस्लिम एकता की भावना का विकास हुआ।
- 1861 ई. में भारतीय परिषद् अधिनियम पारित किया गया।
- भारतीय यूरोपीय सैनिकों का अनुपात 2 : 1 कर दिया गया तथा तोपखाने पर पूर्णतः यूरोपीय सैनिकों का अधिकार स्थापित कर दिया गया।
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Page | 40 |
Size | 1.5 MB |
Language | Hindi |
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अंतिम शब्द
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